1. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए।
(क) ‘भरत का भातृप्रेम’ पाठ में मानव-मूल्यों की स्थापना की गई है। सिद्ध कीजिए।
उत्तर- ‘भरत का भातृप्रेम’ पाठ में मानव-मूल्यों की स्थापना की बात बिल्कुल सही है। राम-भरत जैसा भाई-प्रेम कहीं भी देखने को नहीं मिलता है। आज के समय में भाई-भाई का दुश्मन हो चुका है। भाई-भाई आपस में लड़ते हैं, जलते हैं और तो और एक दूसरे की हत्या तक कर देते हैं। लेकिन ‘ भरत का प्रेम पाठ ‘ के माध्यम से लोगों में संदेश दिया गया की भाइयों के बीच राम-भरत के जैसा भाई प्रेम होना चाहिए। एक-दूसरों के दुखों में शामिल होना चाहिए।
2. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए।
(क) ‘वह तोड़ती पत्थर’ कविता में समाज के स्वरूप का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया गया है क्या यह आज के समाज का यथार्थ सत्य है? अपना मत व्यक्त कीजिए।
उत्तर- सूर्यकांत त्रिपाठी जी इारा रचित ‘ वह तोड़ती पत्थर ‘ कविता आज के समय का सजीव चित्रण करती है। इस कविता में यथार्थ सत्य है की बात भी बिल्कुल सही है। कविता में बताया गया कि हमारे समाज में दो तरह के लोग रहते हैं- शोषक और शापित। कवि की सहानुभूति शोषित वर्ग के लोगों के साथ है। क्योंकि इस शोषित वर्ग में कई मजदूर, किसान लोग आते है जिन्हें रोज ही कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मौसम की मार भी सबसे ज्यादा इन्हीं लोगों को सैनी पड़ती है। गर्मी, सर्दी, बरसात, चाहे कितनी भी हो तब भी अपने काम से पीछे नहीं हटते।
3. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए।
(ख) ‘पीढ़ियाँ और गिट्टियाँ’ पाठ में किस पर व्यंग्य किया गया है और क्यों? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- व्यंग्य मुख्यतः सूर्य को सामने लाता है पाखंड का पर्दाफाश करता है। पीडिया और गीट्टयाँ में दो पीढ़ियो की आपसी कलागत बहस के माध्यम से लेखक ने वाक्यों को इस प्रकार रचा है कि दोनों पीढ़ियों की सच्चाई सामने आई है।
जैसे- लेखक ने वृद्धों से कहा है कि आज आप लोग देवता हो गए हो ज्ञानी ज्ञान वृद्ध और कला वृद्ध हो गए हैं। वे उन्हें मंदिर में स्थापित करना चाहते हैं, ताकि वे वहाँ आराम से रहे और हमें आशीर्वाद दे।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 100-150 शब्दों में दीजिए।
(क) अरुणा और चित्रा में से कौन यथार्थवादी है और कौन आदर्शवादी? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- दो कलाकार यथार्थोन्मुख आदर्शवादी कहानी है। अरुणा अपने विचारों को मूर्त रूप प्रदान करती है। उसकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। वह चित्र के समान केवल कैनवस पर चित्र नहीं उतारती, रंग और तूलिका से उनमें रंग नहीं भर्ती अपितु रचनात्मक कार्यों में विश्वास करती है। निर्धन व असहायें बच्चों को आक्षय प्रदान करती है। उसे समाज, परिवार की चिंता नहीं है। उसका दृष्टिकोण आम आदमी के लिए एक आदर्श की स्थापना करता है। वह निस्वार्थ भाव से अपने काम को पूरी ईमानदारी से करती है। चित्रा केवल चित्रकार है। वह अपने विचारों को कैनवस पर उतारती है, जबकि अरुणा यथार्थ मुख आदर्शवादी है। वह तन-मन से समाज सेवा में जुटी रहती है।
अरुणा की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। और जो कहती है वह जरूर करती है। अरुणा ने शुरू से ही अपने जीवन को दूसरों की सेवा में लगा दिया है। इस प्रकार हम अरुणा को आदर्शवादी मानते हैं। इस प्रकार हम अरुणा को सच्चा कलाकार भी मानते हैं।
5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100-150 शब्दों में दीजिए।
(क) सूचना प्रौद्योगिकी से आप क्या समझते हैं। वर्तमान समय में इसके विस्तार के कौन-कौन से कारण हैं?
उत्तर- सूचना प्रौद्योगिकी:- आंकड़ों की प्राप्ति, सूचना संग्रह, सुरक्षा, परिवर्तन, आदान प्रदान, उधययन, डिजाइन आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिए कंप्यूटर पर आधारित सूचना प्रणाली का आधार है। सूचना प्रौद्योगिक, वर्तमान समय में वाणिज्य और व्यापार का अभिन्न अंग बन गई है। संचार क्रांति के फलस्वरूप अब इलेक्ट्रॉनिक संचार को भी सूचना प्रौद्योगिकी का मुख्य घटक माना जाने लगा है और इसे सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी भी कहा जाता है। इस उद्योग के तौर पर यह एक उभरता हुआ क्षेत्र हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी सेवा अर्थ तंत्र का आधार है। पिछड़े देशों के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए सूचना प्रौद्योगिकी एक समयक तकनीक है।
गरीब जनता को सूचना- संपन्न बनाकर ही निर्धनता का उन्मूलन किया जा सकता है।
सूचना समपता से ही सशक्तिकरण होता है।
सूचना तकनीकी, प्रशासन और सरकार में पारदर्शिता लाती है। इससे भ्रष्टाचार को कम करने में सहायता मिलती है।
सूचना तकनीक का प्रयोग योजना बनाने , नीति निर्धारण तथा निर्णय लेने में होता है।
यह नए रोजगार ओं का सृजन करती है।
6. नीचे दी गई परियोजनाओं में से कोई एक परियोजना तैयार कीजिए।
(क) आपने अनेक कवियों की रचनाएँ पढ़ें। उन कविताओं का विश्लेषण करने के लिए किन्हीं पाँच अन्य कवियों का विवरण निम्नलिखित रूप में तैयार कर एक परियोजना बनाइए।
उत्तर- क्र.सं- 1
कवि का परिचय
आधुनिक हिंदी कविताओं में सबसे ज्यादा मशहूर कवि मैथिलीशरण गुप्त है। मैथिलीशरण गुप्त का जन्म 1886 (संवत् 1943) मैं चिरगांव झांसी (उत्तर प्रदेश) में हुआ।
प्रमुख रचना
पंचवटी, काबा और कर्बला, रंग में भंग, विकट भट, अर्जन और विसर्जन, गुरुकुल आदि।
पढ़ी गई कविता की मुख्य विशेषताएं
मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित आह्वान कविता हमने पड़ी जिसमें बताया गया है- संसार में हमें कुछ लेना है तो वह पूरूषार्थ यानी मेहनत के बल पर मिलेगा। अलसी को कुछ मिलने वाला नहीं।
क्र.सं- 2
कवि का परिचय
मलयालम का मतलब बताती कविता के रचयिता बालचंद्रन चुल्लिकाड। इसका जन्म 1958 मैं हुआ था।
प्रमुख रचना
अमावस, पतिनेदु, कवितकव्व आदि
पढ़ी गई कविता की मुख्य विशेषताएं
बालचंद्रन चुल्लिकाड इारा रचित कविता आजादी हमने पड़ी है। इस कविता में सच्चे अर्थो में आजादी का मतलब समझा है।
क्र.सं- 3
कवि का परिचय
केदानाथ अग्रवाल कविता प्रगतिवादी है। केदानाथ अग्रवाल जन्म सन् 1911 को कमासिन जिला बांदा में हुआ। उन्होंने प्रयाग विश्वविधालय से बी.ए, एल.एल.बी, की और वकालत करने लगे।
प्रमुख रचना
नींद के बादल, युग की गंगा, लोक और आलोक, आग का आईना, गुलमेहंदी, पंख और पतवार, मेरी तुम, अपूर्व आदि।
पढ़ी गई कविता की मुख्य विशेषता
केदानाथ अग्रवाल की प्रमुख कविता ‘चंद्रग्रहण से लोटती बेर’ में मोहत वातावरण लिए प्रस्तुत किया है। प्रकृति की हर वस्तु को भी कवि ने ध्यान से देखा है।
क्र.सं- 4
कवि का परिचय
कवि भवानी प्रसाद मिश्र जी का जानू मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले की यिवानी मालवा तहसील के टिगरिया गांव में 29 मार्च 1913 मैं हुआ।
प्रमुख रचना
गीत फ़रोश’, ‘बुनी हुई रस्सी’, ‘नीली रेखा तक’, ‘मानसरोवर’, ‘अनाम तुम आते हो’, ‘त्रिकाल संध्या’ आदि।
पढ़ी गई कविता की मुख्य विशेषता
भवानी प्रसाद मिश्र की इसे जगाओ कविता में प्रकृति के पदार्थों से व्यकि्त को जागरूक बनाने की कोशिश की गई है।
क्र.सं- 5
कवि का परिचय
निर्मला पुतुल का जन्म सन् 1972 मैं एक संथाली आदिवासी परिवार में हुआ। इस कवित्री ने अपनी कविता में आदिवासी लोक संस्कृति को महत्व दिया है।
प्रमुख रचनाएं
इनकी प्रमुख कृतियों में ‘नगाड़े की तरह बजते शब्द’ और ‘अपने घर की तलाश में’ आदि।
पढ़ी गई कविता की मुख्य विशेषता
‘बूढ़ी पृथ्वी का दुख’ एक ऐसी कहानी है जिसमें पेड़, नदि, पहाड़, हवा और पृथ्वी को मनुष्य के रूप में चित्रित किया गया है। दूसरे शब्दों में इनका मानवीकरण किया गया है।
Question 4 me yeh nahi likha ki koi ek Uttar do par usme sirf ek hi answer h
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