Social Science (213)
Tutor Marked Assignment (2021-22)
20% Marks Of Theory
1. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर 40-60 शब्दों में दीजिए।
(a) महावीर के किन्हीं दो आधारभूत सिद्धान्तों का विश्लेषण कीजिए। वे वर्तमान में भी कैसे प्रासंगिक हैं और आप उन्हें कैसे दैनिक जीवन में व्यवहार में ला सकते हैं।
Ans- महावीर के दो आधारभूत सिद्धान्त इस प्रकार है:-
(1) अहिंसा:- महावीर का पहला सिद्धांत हैं अहिंसा, इस सिद्धांत में उन्होंने जैनों लोगों को हर परिस्थिति में हिंसा से दूर रहने का संदेश दिया है।
(2) सत्य:- महावीर का दूसरा सिद्धांत सत्य है।
- महावीर वर्तमान में भगवान के रूप में प्रासंगिक हैं
- हम उनके विचारों को दैनिक जीवन में व्यवहार में लाते है,
जैसे :- किसी के साथ हिंसा करना, तथा सदैव सत्य बोलना।
2. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए।
(b) राजस्थान देश के अन्य राज्यों की तुलना में कम वर्षा प्राप्त करता है। यदि राजस्थान में भारत में सर्वाधिक वर्षा हो तो वहां किस प्रकार की परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं?
Ans- राजस्थान देश के अन्य राज्यों की तुलना में कम वर्षा इसलिए होती है क्योंकि यहां अरावली पर्वतमाला के मानसून की समानांतर होने से है।
यदि राजस्थान में भारत में सर्वाधिक वर्षा हो तो वहां बाढ़ की स्थिती बनेगी।
जनजीवन अस्त-व्यस्त होने का खतरा बना रहेगा।
3. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40-60 शब्दों में दीजिए।
(a) किन्हीं दो चुनाव संबंधी सुधार को अंकित कीजिए, जो भारत में स्वतंत्र एवं स्वच्छ चुनाव कराने के लिए आवश्यक हैं।
Ans- दो चुनाव संबंधी सुधार निम्नलिखित हैं, जो भारत में स्वतंत्र एवं स्वच्छ चुनाव कराने के लिए आवश्यक हैं:-
(1) मत-पत्र के प्रयोग के बजाय इलेक्ट्रानिक मतदान मशीन द्वारा मतदान।
(2) धूस देकर, रिश्वत देकर, शराब पिलाकर, लालच दिलाकर या जबरदस्ती मत डलवाने के विरुद्ध नियन्त्रण।
4. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100-150 शब्दों में दीजिए
(b) आपके क्षेत्र में पाये जाने वाले भौतिक कारकों ने जनसंख्या के वितरण और घनत्व को किस प्रकार प्रभावित किया है?
Ans- भौतिक कारक जनसंख्या के वितरण और घनत्व को कई प्रकार से प्रभावित करती है:-
(1) भूमि की बनावट या आकृति
(2) जलवायु
(3) मृदा
(1) भू-आकृति:- यह जनसंख्या वितरण के प्रतिरूप को भू-आकृति प्रभावित करता है। भू-आकृति का सबसे महत्वपूर्ण भाग है उसमें मौजूद दलान तथा उसकी ऊँचाई इन दोनों गुणों पर जनसंख्या का धनत्व एवं वितरण बहुत कुछ आधारित रहता है।
(2) जलवायु:- किसी स्थान की जलवायु जनसंख्या के स्थानिक वितरण एवं प्रसार को प्रभावित करती है। अब राजस्थान के गरम और सूखे रेगिस्तान साथ ही ठंडा एवं आर्द्रता, नमी वाले पूर्वी हिमालय भूभाग का उदाहरण लेते हैं।
(3) मृदा:- यह बहुत हद तक जनसंख्या के घनत्व एवं वितरण को प्रभावित करता है। वर्तमान औद्योगिकरण एवं उद्योग प्रमुख समाज में मृदा कैसे जनसंख्या को प्रभावित करने में सक्षम हो सकती है।
5. निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100-150 शब्दों में दीजिए।
(b) राष्ट्रीय समाकलन को बढ़ावा देने वाले विभिन्न कारकों को उल्लेखित करें।
Ans- राष्ट्रीय समाकलन को बढ़ावा देने वाले विभिन्न कारक निम्नलिखित हैं:-
(1) धर्म निरपेक्षता को ध्यान में रखकर विद्यालय एवं कालेजों में ऐसी पाठ्य वस्तु पढ़ाई जागे जिससे धार्मिक सौहार्द बढ़े।
(2) पाठ्य पुस्तकों में आवश्यक संशोधन किया जाये और उनकी सामग्री को इस प्रकार प्रस्तुत किया जाए कि वे भावात्मक एकता के विकास में सहायक हों।
(3) मध्यकालीन इतिहास पढ़ाते समय शिक्षकों को चाहिए कि वे उस बात पर बल दें जो हिन्दुओं और मुसलमानों की संस्कृतियों को मिलाने में सहायक होती हों।
(4) बालकों में शिक्षा द्वारा ऐसा दृष्टिकोण उत्पन्न किया जाये जिससे वे अपनी “सांस्कृतिक विरासत” के महत्व को समझें और उनकी सुरक्षा और संरक्षण कर सकें।
(5) विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न सामाजिक विज्ञान, भाषाओं, साहित्य, संस्कृति और कला के अध्ययन की व्याख्या की जाये।
6. नीचे दी गई परियोजनाओं में से कोई एक परियोजना तैयार कीजिए।
(a) अपने परिवार सहित आस-पास के पांच परिवारों की तीन पीढ़ियों में शिक्षा के स्तर तथा व्यवसाय की जानकारी निम्न तालिका के अनुसार इकट्ठी कीजिए।
इकट्ठी की गई जानकारी के आधार पर शिक्षा के स्तर तथा इससे उनके व्यवसाय और जीवन स्तर में आए परिवर्तन पर एक संक्षिप्त रिपोर्ट बनाइए।
Ans-
Ans- प्रथम पीढ़ी:- प्रथम पीढ़ी में जब हमारे दादा-दादी थे, तब शिक्षा का इतना महत्व नही था, अधिकतर व्यक्ति कृषि पर निर्भर थे। कृषि के अतिरिक्त वह पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन इत्यादि पर अधिक बल देते थे।
और जिनके पास कृषि का कोई साधन नहीं था।
वह पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन इत्यादि पर अधिक बल देते थे। भी मिलता था।
द्वितीय पीढ़ी:- द्वितिय पीढ़ी में कृषि धीरे खत्म होने लगी, तब सभी व्यक्ति लगभग गाँव उठ कर शहर की ओर अग्रसर हुए। यहां उन्होनें उद्योगों सेवा क्षेत्रों इत्यादी में अपना योगदान दिया तथा इससे धन प्राप्त किया। इस धन से वह अपना और अपने परिवार का पूरा सहयोग किया।
तृतीय पीढ़ी:- तृतीय पीढ़ी अधिकतर सेवा क्षेत्र को अत्यधिक पसन्द करती है। सेवा क्षेत्र के लिए ज्यादातर सभी शिक्षा पर निर्भर है। जो जितनी अधिक शिक्षा प्राप्त प्राप्त करेगा उसे उसके अनुसार ही काम मिलेगा।