पेंटिंग (225)
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प्रयोग – 1
वस्तु-चित्रण
ईश्वर द्वारा बनाई इस प्रकति में मनुष्य ने अपनी आवश्यकतानुसार बहुत-सी वस्तुएं बनाई हैं जिनका हम दैनिक जीवन में उपयोग करते हैं। इनमें से कुछ वस्तुएं हमें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं, जैसे किताब, बॉक्स, घर के बर्तन व अन्य सामान आदि।
इन वस्तुओं को देखकर उनका चित्र बनाना, इस क्रिया को वस्तु चित्रण कहते हैं। विद्यार्थी को शुरू में बहुत ही सरल चित्र, जो उसे रूचिकर लगे, बार-बार अभ्यास करना चाहिए।
उद्देश्य
इस पाठ को पढ़ने एवं अभ्यास करने के बाद, आप:-
- परिदृष्टि (Perspective) के बारे में जान सकेंगे।
- छाया व प्रकाश को सही रूप में पहचान पायेंगे।
- वस्तुओं के आकार का नाप व अनुपात दर्शाने में सक्षम हो सकेंगे; और।
- रंगों को सही तरीके से उपयोग करना सीख सकेंगे।
आवश्यक सामग्री
वस्तु-चित्रण करने के लिए विद्यार्थी के पास निम्नलिखित सामान होना चाहिए:-
- ड्राइंग बोर्ड या मोटा गत्ता।
- ड्राईंग पेपर (कार्ट्रिज या चार्ट पेपर)।
- ड्राईंग पिन।
- पैंसिल (HB, 2B, 4B, 6B)।
- रबड़।
- रंग।
- ब्रुश।
- कलर मिक्सिंग पैलेट आदि।
मॉडल बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की वस्तुएं जैसे पुस्तक, बॉक्स, बर्तन, फल, घर का सामान इत्यादि। इन वस्तुओं का आकार चौकोर या गोलाकार हो।
परिदृष्टि (Perspective)
परिदृष्टि (Perspective) क्या है ? देखने वाले व्यक्ति को पास की वस्तु से दूर जाती हुई क्रमानुसार हर वस्तु छोटी से छोटी होती दिखाई देती है। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है कि जब हम एक ही आकार की वस्तुएं (जैसे लाईन में रखी बोतलें या लाईन में रखे बॉक्स) दूर की ओर जाते हुए दिखाई देती हैं, तो हमें यह सभी वस्तुएँ एक ही बिंदु पर जाकर मिलती हुई प्रतीत होती हैं।
इसी प्रकार परिदृष्टि (Perspective) का नियम हर उस वस्तु पर लागू होता है जिसे हम चित्रित कर रहे हैं, चाहे वह वस्तु गोलाकार, चौकोर या अन्य किसी आकार की हो।
छाया और प्रकाश
यह छाया और प्रकाश विभिन्न प्रकार के रंगसंगति अथवा टोन (Tone) द्वारा बनता है। मुख्य रूप से तीन प्रकार के टोन (Tone) होते हैं। 1. प्रकाश-सा उजला भाग 2 मध्यम प्रकाश, 3 गहरी छाया।
चौकोर या गोलाकार वस्तुओं पर छाया और प्रकाश अलग-अलग प्रकार से दिखाई देता है। चौकोर वस्तुओं में सपाट या समतल सतह होने के कारण हर सतह पर समतल प्रकाश या समतल छाया दिखाई देती है। जबकि गोलाकार वस्तुओं में एक ही गोलाई लेती हुई सतह होती है, इसी कारण प्रकाश से छाया तक सभी (Tone) टोन मिलती हुई। प्रतीत होती है, जैसा कि चित्र संख्या 2 में दिखाया गया है।
पैंसिल द्वारा छाया और प्रकाश विभिन्न टोन (Tone) के द्वारा दिखाया जा सकता है, जिसके लिए HB, 2B, 4B, 6B पैंसिल का इस्तेमाल करें। पैंसिल पर हल्का या ज्यादा दबाव डालते हुए छाया (shade) दें जिससे विभिन्न प्रकार की टोन (Tone) बन सकती है।
नाप व अनुपात
नापकर चित्र बनाने के लिए सीधा बैठें, एक आंख बंद करें, हाथ को कंधे की सीध में रखकर पैंसिल द्वारा नाप लें। पैंसिल को इस प्रकार पकड़ें कि अंगूठा दायें-बायें या ऊपर-नीचे आसानी से घूम सके। लंबाई या चौड़ाई नापने के लिए पैंसिल को लेटी हुई सीधी अवस्था में रखकर वस्तु के बायीं ओर के किनारे पर लाएं तथा अंगूठे को दायीं ओर खिसकाते हुए वस्तु के दायें किनारे तक लाएं। अब ऊँचाई नापने के लिए पैंसिल को वस्तु के ऊपरी किनारे पर रखें तथा अंगूठे को नीचे किनारे तक लाएं। इसी तरह पैंसिल द्वारा नाप को अपने पेपर पर अंकित करें। अब लंबाई-चौड़ाई व ऊँचाई के नाप को दुगुना, तीनगुणा या और ज्यादा गुणा नाप अपने पेपर के अनुसार अंकित करें और उसी नाप के अंदर चित्र पूरा करें। चित्र देखें।
रंग योजना व रंग भरना
प्रकाश वाले भाग पर उजला रंग तथा छाया वाले भाग पर गहरा रंग दिखाई देता है, जैसे लाल रंग के पास ही संतरी रंग, गहरा लाल रंग, भूरा रंग, आदि, नीले रंग के पास आसमानी रंग गहरा नीला रंग आदि, और हरे रंग के पास तोतिया रंग या गहरा हरा रंग देख सकते हैं। इन्हीं रंगों को आपस में मिलाकर विभिन्न रंगसंगतियां (टोन) या विभिन्न रंग बनाये जा सकते हैं। अतः आप रंग योजना इस प्रकार करें कि अपने चित्रों में रंगों की वास्तविकता को दिखा सकें । वस्तु को नजदीक व उजली दिखाने के लिए उजले रंगों का प्रयोग करें। दूरी व छाया दिखाने के लिए गहरे व धुंधले रंगों का इस्तेमाल करें जैसा कि चित्र संख्या 4 में दिखाया गया है।