हिन्दी (301)
शिक्षक अंकित मूल्यांकन-पत्र
कुल अंक : 20
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1. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40 से 60 शब्दों में दीजिए।
(ख) ‘तुलसीदास ने मानवीय संबंधों का आदर्श प्रस्तुत किया सिद्ध कीजिए।
उत्तर : तुलसीदास को अपने युग की आर्थिक विषमताओं की बहुत अच्छी समझ है। इसमें उन्होंने इसका विस्तारपूर्वक उल्लेख किया है। समाज में भूखमरी की स्थिति है। लोग बेरोज़गार घूम रहे हैं। लोग पेट पालने के अलग अलग कार्य कर रहे हैं। लोग भीख माँग रहे हैं, व्यापार कर रहे हैं, छोटा-मोटा अभिनय करके पेट पालने का प्रयास करते हैं, कोई लोगों को मूर्ख बना रहा है, तो कोई अमीरों के तलवे चाट रहा है। अतः इसमें बेरोज़गारी के कारण उत्पन्न दशा का चित्रण मिलता है। इसके अंदर किसानों की हीन दशा का मार्मिक वर्णन भी मिलता है। किसानों की दशा बहुत हीन थी। शायद प्रकृति की मार व राजाओं के शोषण ने उन्हें आत्महत्या तथा संतानों को बेचने के लिए विवश कर दिया था। गरीब और गरीब होता जा रहा था।
2. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर 40 से 7 शब्दों में दीजिए।
(ख) वह तोड़ती पत्थर कविता के अंत में तोड़ती पत्थर का प्रयोग का क्या आशय है।
उत्तर: इस कविता में कवि ने इलाहाबाद की सड़क के किनारे तपती धूप में पत्थर तोड़ती हुई एक श्रमिक महिला का अत्यंत मार्मिक चित्रण किया प्रस्तुत कविता में उस प्रगतिवादी विचारधारा के अनुसार नारी का चित्रण किया गया है जिसमें नारी केवल सौंदर्य का उपकरण नहीं बल्कि दलित, शोषित, पीड़ित वर्ग का एक अंग है।
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 40 से 60 शब्दों में दीजिए।
(ख) पीढियां और गिट्टियाँ वास्तव में सहायक क्षेत्र में वृद्धि और युवकों की मानसिकता के हमारे समक्ष में प्रस्तुत करते हैं इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : इस पाठ में आप पीढ़ियां और गिटिया नामक व्यंग रचना पढ़ने जा रहे हैं जिसे प्रसिद्ध व्यंग्यकार श्री हरिवंश प्रसाद ने लिखा है यह रचना एक और दो पीढ़ियों के बीच अंतर और संघर्ष दिखाते और दूसरी और कर्मों के लिए बिना फल प्राप्ति की आकांक्षा रखने वाले कटाक्ष या चोट भी करती हैं।
4. निम्नलिखित प्रश्नों के प्रश्नों के उत्तर 100 से 150 शब्दों में दीजिए।
(क) जिजीविषा के विषय पाठ से आपको क्या संदेश मिलता है उल्लेख कीजिए।
उत्तर : जिजीविषा शब्द का अर्थ है जीने की इच्छा जब तक जीने की प्रबल इच्छा मन उसमें मन में होती है तब तक मनुष्य का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता मन हम सबके जीवन में अहम भूमिका निभाता है मन ही सबका मित्र है जो हर मुसीबत के पास खड़ा होता है साथ देता है मन हर मुश्किल का काम को आसान करता है बचपन से मेरी तमन्ना थी कि मैं अपनी पहचान ऐसे बनाऊं ताकि हर इंसान मुझे मेरे नाम से जाने ना कि कि मेरे पिता या पति के नाम से और सचमुच वर्ष से अब तक का सफर काफी लंबा अगर अच्छा था मुझे मेरी मंजिल भी रे मेरे सपने साकार है आज मेरा नाम से देश नहीं विदेश में भी लोग जानते हैं मुझे यह सब कुछ मेरी जिजीविषा के कारण हो पाया है।
5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लगभग 100 से 150 शब्दों में दीजिए।
(क) टिप्पण के किन्हीं चार विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: टिप्पण संक्षेप में और प्रभावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करना चाहिए क्योंकि अधिकारी के पास बहुत विस्तृत टिप्पण पढ़ने का समय नहीं होता।
सुस्पष्टता टिप्पणी की एक महत्वपूर्ण विशेषता है। टिप्पणी में द्विअर्थक, अनेकार्थक या भ्रमात्मक शब्दों का प्रयोग नहीं होना चाहिए। जो भी बात प्रस्तुत करनी है वह सीधे व स्पष्ट शब्दों में कही जानी चाहिए।
विचार के लिए प्रस्तुत पत्र से संबंधित पूर्व निर्णयों और उदाहरणों को ध्यान में रखा जाना चाहिए और इसी आधार पर टिप्पणी लगाने चाहिए।
आवश्यक संदर्भों पर टिप्पणी लेखन से पूर्व सक्षम अधिकारी से बातचीत कर लेनी चाहिए।
टिप्पणी में किसी अधिकारी या संस्था या अन्य किसी व्यक्ति के प्रति कोई व्यक्तिगत आक्षेप नहीं होना चाहिए।
6. नीचे दी गई इस योजना में से किसी एक प्रयोजना तैयार कीजिए।
(ख) आज का युग तकनीकी युग है कंप्यूटर इंटरनेट किस प्रकार हिंदी भाषा को परिभाषित किया है एक चार्ट बनाकर इसे प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर: अंग्रेजी भाषा आधारित सिस्टम (द्विभाषिकता का अभाव) – आज के दौर में इंटरनेट पर सभी तरह की महत्वपूर्ण जानकारियाँ व सूचनाएँ उपलब्ध हैं जैसे परीक्षाओं के परिणाम, समाचार, ई-मेल, विभिन्न प्रकार की पत्र-पत्रिकाएँ, साहित्य, अति महत्वपूर्ण जानकारी युक्त डिजिटल पुस्तकालय आदि। परन्तु ये प्रायः सभी अंग्रेज़ी भाषा में हैं। भारतीय परिवेश में अधिकतर लोग अंग्रेज़ी भाषा में निपुण नहीं हैं। अत: कई हिंदी भाषी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करने में भाषाई कठिनाई महसूस करते हैं और कम्प्यूटर के उपलब्ध होते हुए भी वह कम्प्यूटर व इंटरनेट का उपयोग करने से वंचित रह जाते हैं। यदि इंटरनेट एक्सप्लोरर का संपूर्ण इंटरफेस हिंदी (देवनागरी लिपि) में होने के साथ-साथ इसमें वेबपृष्ठ के अंग्रेज़ी पाठ को माउस क्लिक के माध्यम से हिंदी में अनुवाद करने की सुविधा सहित हो तो अंग्रेज़ी भाषा की बाधा हिंदी भाषी कम्प्यूटर उपयोक्ताओं के काम में बाधा नहीं रहेगी। वेबपृष्ठ पर अनुवाद सुविधा कम्प्यूटर उपयोक्ताओं के लिए इंटरनेट पर उपलब्ध सूचना को उनकी अपनी ही भाषा में समझने में सहायक होगी।
मुझ जैसे करोड़ो हिंदी भाषी कम्प्यूटर उपयोक्ताओं को कम्प्यूटर के उपयोग में कई समस्याएँ सिर्फ अंग्रेज़ी भाषा में अपनी कमजोरी होने की वजह से आती हैं न कि इसकी तकनीकी की वजह से।
आज भी भारत में सॉफ्टवेयर या ऑपरेटिंग सिस्टम में विंडोज अंग्रेजी में ही अपनी जड़े जमाए हुए है। ना तो द्विभाषिक रूप ( अंग्रेजी और हिंदी ) में ऑपरेटिंग सिस्टम उपलब्ध हैं और ना ही हिंदी में। अब चूंकि भारत में अभी भी बहुसंख्य जनता इंटरनेट के लिए साइबर कैफे पर निर्भर है, इसलिए हिंदी के प्रसार में यह भी एक बड़ी बाधा है। यदि साइबर कैफे में हिंदी का प्रयोग सुलभ हो तो बहुत से लोग हिंदी मे जुड़ेंगे।
2. फॉन्ट की जानकारी का अभाव – आजकल लोगों को फॉन्ट की विवधता के बारे में भी पूरी तरह से ज्ञान प्राप्त नहीं है। हिंदी टाईपिंग की समस्या आज भी की-बोर्ड अंग्रेजी में ही उपलब्ध होते हैं। हिंदी टाईपिंग करने के लिए अंग्रेजी की बोर्ड पर हिंदी की वर्णमाला चिपका दी जाती है। अब पहले तो वैसे ही आम कंप्यूटर उपयोगकर्ता को यूनिकोड का पता होता नहीं, आज भी हिंदी टाइपिंग के बारे में एक आम कंप्यूटर उपयोक्ता को यही मालूम है कि इसके लिए पहले हिंदी की टाइपिंग (रेमिंगटन) सीखनी होती है। फोनेटिक तथा इनस्क्रिप्ट प्रणालियों के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है।