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भूगोल का स्वरूप

दैनिक जीवन मे भूगोल

भूगोल को प्राय: मानचित्र निर्माण और अध्ययन की कर्ता के रूप मे माना जाता है। मानचित्र हमें रेखचित्रो को अपेक्षा पृथ्वी के धरातल का अधिक सही व सुस्पष्ट चित्रण पुस्तुत करते है पूर्व की भाति आज भी किसी क्षेत्र का भौगोल्पिक विवरण रिर्पाटो यात्रा डायरियो और गजेटियरो मे उपलब्ध वर्तमान मे मानचित्र की रचना भौगोलिक सूचना तंत्र के उपकरणों द्वारा उयमह छाया चित्रो के प्रयोग से किया जा सकता है कम्प्यटर सरलता से उपग्रह छायाचित्रो की सूचनाओ को मानचित्र मे परिर्तित कर देते है जो विकास मे हुएे परिवर्तनो को दर्शाती है। इस प्रकार की सूचना से समाज लाभ होतो है। वर्तमान मे इस प्रकार के मानचित्रकारो के बड़ी माँग है आजकल पृथ्वी को बेहतर ढंग से समझने के लिए भूगोल लोता अभियता पर्यावरण वैज्ञानिक नगर रोजगार सामाजिक वैज्ञानिक तथा अत्य लोग भी भौगोलिक तत्रो का प्रयोग सीरव रहे है। भूगोल न केवल इस बात की खोज करता है कि पृथ्वी पर कहा क्या है बल्कि यह भी कि यहाँ क्यो है। भूगोल वेता कलापो की अवस्थिति का अध्ययन करते है मानचित्रो के सावधानीपूर्वक प्रयोग से प्रतिरूपो की पहचान और साथ इन प्रतिरूपो के बनने के कारणो का पता लगाते है इसके बाद क्षेत्रो का वर्गन स्थल रूपों के वितरण जनसंख्या मकान के प्रकार कृषि के आधार पर किया जाता है वे स्थानो के बीच के सबंधों और आवगमन की जानकारी प्राप्त करते तथा उस क्षेत्र मे होने वाली स्थानिक प्रक्रियाओ के विष्य मे निष्कर्ष निकालते है। वर्तमान मे सम्पूर्ण विश्व रवाध सुरक्षा स्वास्ध्य ऊर्जा को प्रभावकारी उपयोग और पर्यावरण संरक्षण जैसी समस्याओ से जूझ रहा है। समानता के मुहे और टिकाऊ विकास समान महत्व रखते है। इन सभी की प्राप्ति ससाधनों के रूप मे प्रयोग द्वारा ही की जा सकती है पर्जवरणीय प्रकिय के बारे मे अधिक जानकारी तथा यह समझने मे की समस्याओ मे समाधान मे भूमि उपयोग योजना किस प्रकार सहाचक हो सकती है भूगोल का अध्ययन आवश्यक है

भूगोल का विकास

(अ) प्राचीन काल
अांरभिक प्रभांणो के अनुसार इस समय के विव्दान मान निर्माण और खगोलीय मापो द्वारा पृथ्वी के भौतिक तथ्यों समझते थे भूगोल मे आंरभिक विद्वान देने का क्षेय यूनान को ही जाता है जिसमें प्रमुख थे होमर हेरो डोटस थेल्सअरस्तु और इरेटै। स्थानीज

(ब) पूर्व आधुनिक काल
यह काल 15वी सदी के मध्य से शुरू होकर 18वीं सदी के पूर्व तक चला। यह काल आरभिक भूगोल विताओ की खोज और अन्वेषणो द्वारा विश्व की भौतिक व सांस्कृतिक प्रकृति के बारे मे वृहत ज्ञान प्रदान करता हैै। वी सदी का प्रारंभिक काल नवीन वैज्ञानिक भूगोल की शुरुआत का गवाह बना हीरोइन सेक्स क्रिस्टफर कोलम्बस वास्कोडिगामा मोगलेेन और थॉमस कुक इस काल के प्रमुख अश्वेषणकर्ता थे। वारेनियत काट हम्बोल्ट और स्टिर इस काल के प्रमुख भूगोलवेेेता थे इन विद्वानो ने मानचित्र कला के विकास मे योगदान दिया और नवीन स्थत की खोज की जिसके फलस्वरुप भूगोल एक वैज्ञानिक विषय के रूप में विकसित हुआ।

(स) आधुनिक काल
रिटर हम्बोर का उल्लेख बहुधा आधुनिक भगोल सस्थापक के रूप में किया जाता है सामान्यता: 19वी सदस्य के उतरार्ध का काल आधुनिक भूंगोल का काल माना जाता है वस्तुभूग रेटजेल प्रथम आधुनिक भूगोल वेता थे जिनमे चिप्सम्मत भूगोलवेत्ताओ द्वारा स्थापेत नीव पर आधुनिक भूगोल की संरचना का निर्माण किया

(द) नवीन काल
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भूगोल विकास बड़ी तीव्र गति से हुआ हार्टशार्म जैसे अमरिकी ओर यूरोपोय भूगोल वेताओ मे इस दौरान अधिकतम योगदान दिया हार्टशार्न ने भूगोल को एक ऐसे विज्ञान के रूप में परिभाषित किया जो क्षेत्रीय विभिन्नताओं का अध्ययन करते हैं वर्तमान भूगोलवेता प्रादेशिक उपागम और क्रमबद आगम को विरोधाभासी की जगह पूरक उपागम के
रूप में देखते हैं

(ब) प्रादेशिक भूगोल
क्रमबद्व भूगोल के समान प्रादेशिक भूगोल स्थामिक छोपो तथा सभी कमबद भौगोलिक प्रक्रियाओं का प्रदेश किसी एक कारक जैसे उच्चावर्च वर्षों वनस्पति प्रति व्यक्ति आय दर आधारित हो सकते है। वे दोया अधिक कारको के सयोग से निर्मित बहु प्रकायत्मिक प्रदेश भी हो सकते है प्रशासनिक इकाई जैसे राज्य मिला तहसील को भी प्रदेश के रूप में सम्मिलित किया जा सकता है प्तादेशिक भूगोल की मुख्य उपशाखाये है
प्रादेशिक अध्ययन
प्रादेशिक विश्लेषण
प्रादेशिक विकास
प्रादेशिक नियोजन (क्षेत्रीय व समुदाय नियोजन)

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